तब तक कैसे आ सकती है ? उस जीवन में शांति। तब तक कैसे आ सकती है ? उस जीवन में शांति।
आम आदमी इनके जाल में फँसकर भटक रहा है। आम आदमी इनके जाल में फँसकर भटक रहा है।
मेरा भारत चमक रहा है विभिन्न रंगों के रंग में मेरा भारत चमक रहा है विभिन्न रंगों के रंग में
उस ज्ञान की ज्योति से सजकर ही, ये भारत बन पाया है। उस ज्ञान की ज्योति से सजकर ही, ये भारत बन पाया है।
मदद बनेगा यह दुनिया की शान आत्म निर्भर बनेगा यह हिंदुस्तान। मदद बनेगा यह दुनिया की शान आत्म निर्भर बनेगा यह हिंदुस्तान।
आम्रमंजरी दिला रही आमों की याद ईश्वर जैसे बांट रहा है विविध प्रसाद। आम्रमंजरी दिला रही आमों की याद ईश्वर जैसे बांट रहा है विविध प्रसाद।